वैदिक
सभ्यता
Ø
वैदिक काल को दो भागो मे बाटा गया है –
-ऋग्वैदिक
काल 1500 से 1000 ई॰ पू॰
-उत्तर
वैदिक काल 1000 से 600 ई॰ पू॰
Ø
भारत आने के पश्चात आर्य सर्वप्रथम पंजाब एवं अफगानिस्तान (सप्त सैन्धव
प्रदेश) मे बसे थे।
Ø
यह एक ग्रामीण सभ्यता थी।
Ø
कर्म के आधार पर ऋग्वैदिक समाज चार वर्ण – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र मे विभाजित था।
इसका ज्ञान ऋग्वेद के 10 वें मण्डल से होता है।
Ø
ऋग्वेद के 7 वें मण्डल से दसराज्ञ युद्द का ज्ञान होता है, यह युद्द रावी नदी के तट पर
सूरदास ने दस जनों को हराया था।
Ø
आर्यों का समाज पित्रप्रधान था।
Ø
परिवार या कुल के मुखिया को कुलप कहा जाता था।
Ø
वनस्पति से बना सोम रस आर्यों का मुख्य पेय पदार्थ था।
Ø
घोडा आर्यों का प्रिय पशु था।
Ø
लोहित अयस तांबे को कहा जाता था।
Ø
सत्यमेवजयते मुंडकोपनिश्द से लिया गया है।
Ø
सांख्य दर्शन का प्रवर्तक कपिल था।
Ø
योग दर्शन का प्रवर्तक पंतयजली था।
Ø
वैशेषिक दर्शन का प्रवर्तक कनाड था।
Ø
न्याय दर्शन का प्रवर्तक गौतम था।
Ø
पूर्व मीमांसा दर्शन का प्रवर्तक जैमिनी था।
Ø
उत्तर मीमांसा दर्शन का प्रवर्तक बादरायण (व्यास)
था।
Ø
उपनिषद 108, पुराण 18
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें